नवग्रह शांति पूजा
जीवन में जब कष्टों के लगातार आना और पूरा जीवन संघर्षपूर्ण दिखाई देना, इस बात का सबूत देता है कि आपके ग्रह–नक्षत्र अशान्त है, आपके नौ ग्रहों की बेकार दशा से आपको जीवन में सही दिशा प्राप्त नही हो पा रही है, इसी वजह से ज्योतिषी द्वारा ग्रह-नक्षत्र का जन्मपत्री द्वारा हाल जानकर उनका उपाय किया |
किसी ग्रह को शान्त करने के लिए जातक को स्वंय को किस भगवान की पूजा-पाठ करनी चाहिए |
बारह राशियों में नौ ग्रहों का आने-जाने से जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है | इसलिए इन नौ ग्रहोंकी शान्ति के लिए इनके अनुसार भगवान की पूजा करनी चाहिए |
सूर्य ग्रह- सूर्य देवता को शान्त करने के लिए सूर्य देव को नियमित रूप से जातक को जल अर्पित करना चाहिए. और सूर्य के सामने आदित्यहद्रय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए |
चन्द्रमा ग्रह- चन्द्रमा को शान्त करने और जन्मकुंडली में इसका प्रभाव अच्छा करने के लिए भगवान शिवजी की आराधना और पूजा पाठ करनी चाहिए, क्योंकि भगवान शंकर ने चन्द्रमा को अपनी मष्तिक पर धारण किए हुए है इससे चन्द्र देव शान्त हो जाते है |
मंगल ग्रह- मंगल ग्रह को शान्ति के लिए सबसे कारगर उपाय संकटमोचन हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए और प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुन्दरकांड करवाएं, इससे मंगल ग्रह बहुत जल्दी शान्त हो जाता है |
बुध ग्रह- बुध ग्रह को शान्त करने के लिए गणेश जी को हरी दुर्वा अर्पित कर पूजा करनी चाहिए. और प्रत्येक बुधवार को गणेश जी का व्रत करना चाहिए |
बृहस्पति ग्रह– बृहस्पति देव को शान्त करना बहुत ही आसान है. ब्रह्म देव की अराधना और भगवत पुराण का पाठ अवश्य करनी चाहिए , गाय को गुड खिलाना चाहिए , गुरूवार को पीपल का पोधा लगाये |
शुक्र ग्रह- शुक्र ग्रह की शान्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और साथ ही श्री सुक्तम और लक्ष्मी सुक्तम का पाठ करना अनिवार्य है | साथ ही मां दुर्गा की पूजा करे और दुर्गासप्तशती का पाठ करें
शनि ग्रह- सबसे ज्यादा क्रोधित ग्रह शनि ग्रह को कहा जाता है. इसलिए शनि देव के प्रकोप को शान्त करने के लिए प्रत्येक शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे तेल दिया जलाना चाहिए. और शनि चालीसा, दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए |
राहु ग्रह– राहु को शान्त करने के लिए मां सरस्वती मां की अराधना करनी चाहिए और प्रत्येक दिन सरस्वती कवच का पाठ भी करना चाहिए. मछलियों को आटा खिलाना चाहिए |
केतु ग्रह- राहु का भाई केतु को शान्त करने के लिए गणपति का पूजन और गणेश सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए ,मां दुर्गा की पूजा करे और दुर्गासप्तशती का पाठ करें |
एक साथ नवग्रह पूजा
चाहे तो आप एक साथ किसी विद्वान पंडित से नवग्रह पूजा करवा सकते है, नवग्रह पूजा के लिए सबसे पहले ग्रहो का आह्वान किया जाता है, उसके बाद अपने घर के मन्दिर में उनकी स्थापन की जाती है, फिर बाएं हाथ से चावल के दाने लेकर मंत्रो का उच्चारण करते हुए दाएं हाथ से चावल नवग्रहों को अर्पित करना चाहिए | चाहे तो आप नवग्रह मंडल की भी स्थापना कर उनकी विधि-विधान के साथ पूजा करवा सकते है या फिर किसी अपने घर के नजदिक नवग्रह मंदिर में भी किसी विद्वान पंडित द्वारा यह पूजा सम्पन्न करवा सकते हैं |